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Crop Insurance Distribution 2025 | इन 34 जिलों में डीबीटी के माध्यम से 75% फसल बीमा वितरण शुरू

Crop Insurance Distribution 2025 | इन 34 जिलों में डीबीटी के माध्यम से 75% फसल बीमा वितरण शुरू

फसल बीमा वितरण महाराष्ट्र राज्य में किसानों के कल्याण के लिए, राज्य सरकार ने एक महत्वाकांक्षी फसल बीमा योजना को मंजूरी दी है। इस योजना ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान के लिए मुआवजा मिलने की उम्मीद जगाई है। किसानों द्वारा कई वर्षों से मांग की जा रही यह योजना अब कार्यान्वयन चरण में प्रवेश कर गई है। Crop Insurance Distribution 2025

योजना का दायरा और कार्यान्वयन

यह फसल बीमा योजना राज्य के 34 जिलों में लागू की जा रही है। वर्तमान में परभणी, नांदेड़, हिंगोली, धाराशिव और सांगली जैसे पांच जिलों को 25 प्रतिशत अग्रिम भुगतान के लिए पात्र घोषित किया गया है। यह योजना पंचायत समिति स्तर पर लागू की जाएगी, जिससे गांव स्तर पर योजना को प्रभावी ढंग से लागू करना संभव हो सकेगा।

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सरकार ने इस योजना के लिए कुल नौ बीमा कंपनियों का चयन किया है। इन कंपनियों के माध्यम से पात्र किसानों को बीमा राशि वितरित की जाएगी। प्रत्येक जिले में आधिकारिक तौर पर काम शुरू हो चुका है और किसानों के आवेदनों की जांच और सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है। Crop Insurance Payment status

वित्तीय सहायता की प्रकृति

इस योजना के तहत किसानों को प्रति हेक्टेयर 12,500 से लेकर 40,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता मिल सकती है। यह राशि किसान द्वारा उगाई जाने वाली फसल के प्रकार, नुकसान की सीमा और स्थानीय जलवायु परिस्थितियों के आधार पर तय की जाती है। वर्तमान में इस योजना के तहत 55 प्रकार की फसलें शामिल हैं, जिनमें सोयाबीन, गन्ना, चावल, धान, मक्का जैसी प्रमुख फसलें शामिल हैं।

हालांकि सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों को हुए नुकसान की 100 प्रतिशत भरपाई की गारंटी नहीं दी जा सकती। फिर भी यथासंभव सहायता देने का प्रयास किया जाएगा।

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बीमा वितरण प्रक्रिया

केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के तहत बीमा राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाएगी। इस प्रक्रिया से बिचौलियों का हस्तक्षेप खत्म होगा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।

निरीक्षण अधिकारियों द्वारा तैयार निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर नुकसान की सीमा निर्धारित की जाएगी। किसानों द्वारा प्रस्तुत आवश्यक दस्तावेजों और उनकी फसलों के बारे में विस्तृत जानकारी की प्रशासन द्वारा सावधानीपूर्वक जांच की जाती है।

आवश्यक शर्तें और दस्तावेज़

इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण शर्तें पूरी करनी होंगी:

  • आधार कार्ड लिंकेज: किसान का आधार कार्ड बैंक खाते से लिंक होना ज़रूरी है। अगर आधार लिंक नहीं होगा तो बीमा राशि खाते में जमा नहीं होगी।
  • केवाईसी पूरा होना: बैंक खाते की केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। इस प्रक्रिया के बिना डिजिटल भुगतान संभव नहीं होगा।
  • आवश्यक दस्तावेज: भूमि पंजीकरण, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज सटीक और पूर्ण होने चाहिए।

पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली

इससे पहले कई किसानों को उनकी फसल के नुकसान का समय पर मुआवजा नहीं मिल पाता था, जिससे उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता था। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने मुआवजा प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने का फैसला किया है।

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