loan waiver Farmer | कर्जमाफी को लेकर अब आई सबसे बड़ी खबर, जल्द देखें विस्तृत जानकारी|

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loan waiver Farmer : नमस्कार किसान मित्रों, महाराष्ट्र में किसान ऋण माफी का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है और इसके केंद्र में हैं – प्रहार जनशक्ति पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष और विधायक बच्चू कडू। राज्य सरकार द्वारा पूर्व में किए गए वादे पूरे न होने के कारण, उन्होंने सातबारा कोरा कारा नामक एक नए आंदोलन की घोषणा करके किसानों के अधिकारों के लिए फिर से सड़कों पर उतरने का फैसला किया है।किसानों के लिए ऋणसरकारी ऋण
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आंदोलन की शुरुआत और मार्ग
loan waiver Farmer :यह आंदोलन आज सुबह अमरावती जिले के पापल गाँव से शुरू हुआ। यह पदयात्रा यवतमाल जिले के चिलगावण में समाप्त होगी। इस सात दिवसीय यात्रा के दौरान, बच्चू कडू कुल 138 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और किसानों से सीधे संवाद करेंगे। इस यात्रा का मार्ग न केवल भौगोलिक, बल्कि किसानों के संघर्ष की भावनात्मक और ऐतिहासिक यात्रा को भी दर्शाता है। loan waiver Farmer
पापल आज़ादी के बाद भारत के पहले कृषि मंत्री डॉ. पंजाबराव देशमुख का जन्मस्थान है, जबकि चिलगावण देश का पहला किसान आत्महत्या प्रभावित गाँव माना जाता है। इन दोनों चरम सीमाओं के बीच की यह यात्रा किसानों की वीरगाथा से लेकर आज के दुखों तक का एक प्रतीकात्मक सफ़र है।किसानों के लिए ऋण
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सर्वदलीय समर्थन और किसानों के लिए एकजुट आवाज़
loan waiver Farmer :इस आंदोलन को न केवल प्रहार जनशक्ति पार्टी, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं का भी सक्रिय समर्थन मिल रहा है। सभी नेताओं का बिना किसी दलीय भेदभाव के किसानों के मुद्दों के लिए एक साथ आना इस आंदोलन के महत्व को रेखांकित करता है।
किसानों के लिए न्याय हेतु बच्चू कडू का दृढ़ संकल्प
loan waiver Farmer :बच्चू कडू ने पहले भी loan waiver Farmer के मुद्दे पर अपनी भूख हड़ताल के दौरान सरकार से वादे हासिल किए थे। हालाँकि, वे अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। इसलिए, सरकार की लापरवाही के कारण, वह एक बार फिर मैदान में उतर आए हैं। उनके अनुसार, यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों के सात अंकों वाले उत्था से ऋण रिकॉर्ड नहीं हटा दिया जाता और उनकी अन्य माँगें मान नहीं ली जातीं।
बच्चू कडू का यह आंदोलन केवल एक राजनीतिक रुख नहीं है, बल्कि किसानों की पीड़ा को सीधे सरकार तक पहुँचाने का एक प्रयास है। कृषि क्षेत्र के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में उठाया गया यह कदम कई लोगों को प्रेरित कर रहा है।सरकारी ऋणकिसानों के लिए